रणथंभौर की शान : - रूफस ट्रीपी (Rufous treepie ) पक्षी

एक विस्तृत जानकारी





रूफस ट्रीपी
एक चतुर चालाक पक्षी है, यह सामान्य रूप से कौआ परिवार का सदस्य  है। जो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Dendrocitta vagabunda है।

वर्गीकरण

Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Corvidae
Genus: Dendrocitta
Species: D. vagabunda


यह भारतीय उपमहाद्वीप के लिए एक स्थानिक प्रजाति है,अर्थात यह केवल भारतीय उपमहाद्वीप में ही पाया जाता है।

इसके अलावा यह पक्षी दुनिया में और कहीं भी नहीं मिलता है।सवाई माधोपुर के रणथंभोर में विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं।

रणथंभोर में त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले रास्ते तथा रणथंभोर बाघ अभ्यारण में इस पक्षी को सामान्यतः देखा जा सकता है ।यह पक्षी रणथंभोर के आसपास के सभी पेड़ों पर बड़ी आसानी से दिख जाता है।

हालांकि स्थानीय निवासियों के लिए यह पक्षी एक सामान्य पक्षी है, लेकिन विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक दुर्लभ पक्षी है जो कि सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में ही पाया जाता है।


Rufous treepie
Rufous treepie

इसका आकार मैना के समान होता है, लेकिन इसकी पूंछ लंबी होती है।  यह शहरों और गांवों में खुले जंगलों, वृक्षों से आच्छादित भूमि तथा बहुत से बागों में पाया जाता है।



यह एक सर्वभक्षी पक्षी है, इसका अर्थ है कि यह बीज, फल, कीड़े, छिपकली, मेंढक, छोटे पक्षी और अंडे सहित विभिन्न प्रकार के भोजन खाता है।

यह घरों में तथा कूड़े के ढेरों के आसपास भी पाया जा सकता है।  जंगल में, यह ट्रीपी अक्सर अन्य समान आकार के पक्षियों के साथ में शिकार करता है।



रूफस ट्रीपी का स्थानीय नाम "टका चोर" है।  इसका मतलब है, "सिक्का चुराने वाला"। ट्रीपी का यह नाम इसकी आदत के कारण पडा है, यह सिक्कों, आभूषणों और इसी तरह की अन्य वस्तुओं के समान चमकदार वस्तुओं को चुराने के लिए प्रसिद्ध है।

यह वस्तुओं को इकट्ठा करते हैं, और अक्सर उन्हें अपने घोंसले में डालते हैं, यह एसा संभवतः मादा ट्रीपी पक्षी को आकर्षित करने के लिए करते हैं।



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